कानोड के ट्रेक्टर हादसे में घायल एकमात्र पालनहार मां भी चल बसीक्षत्रिय रावत राजपूत परिषद ने जन सहयोग से पहुंचाई मदद
*राजसमन्द |हुकम सिंह मण्डावर .उदयपुर जिले के कानोड क्षेत्र के घोड़ों का खेड़ा निवासी लोगरी बाई 6 दिसंबर की सुबह ट्रेक्टर मे सवार होकर एक सामाजिक समारोह में जाते समय कानोड के निकट खेड़ी चौराहे पर ट्रेक्टर के अनियंत्रित होकर पलट जाने से 7 लोगों के साथ गंभीर रूप से घायल हो गयी ।तीन दिन तक अस्पताल में लोगरी बाई जिदंगी की जंग लड़ते लड़ते आखिरकार हार गयी ओर पिछे छोड़ चली नन्ही तीन मासूम बेटियाँ अनीता,किरण और गजा को जिन्हे यह भी नही पता था कि अब उनकी मां उनकी पालनहार अब कभी लौटकर नही आयेगी ।बच्चियों की उम्र केवल दस बारह साल के आसपास ही बताई जाती है ।लोगों ने बताया कि करीब आठ वर्ष पहले पिता की भी एक सर्पदंश हादसे में मौत हो गयी थी ओर अब मजदूरी मेहनत करके तीन बेटियों की पालनहार लोगरी बाई भी हादसे का शिकार हो गयी ।ऐसे में अब उनका पालन-पोषण मुश्किल हो गया है ।क्षत्रिय रावत राजपूत परिषद के प्रदेश मीडिया प्रभारी हुकम सिंह मण्डावर ने बताया कि मामले की भनक क्षत्रिय रावत राजपूत परिषद के प्रदेश महांमंत्री पुरण सिंह कुराबड व उदयपुर जिले कि शाखा के अन्य पदाधिकारीयो को लगने पर मामले को गंभीरता से लिया।परिषद के कार्यकर्ताओ ने सोशल मीडिया पर आह्वान के साथ जन सहयोग करके रविवार को मासूम बच्चियों के घर पहुंचकर कुल 57 हजार 151 रूपये की राशि का चेक नन्हे हाथों में थमाया और सांत्वना दी।परिषद के गणेश सिंह रावत ने बताया कि परिषद के द्वारा जन सहयोग करवाने की मुहिम अब भी जारी है ।इस दौरान डॉक्टर कमलेंद्र सिंह रावत, सरपंच ठाकुर सिंह रावत, एडवोकेट प्रेम सिंह मोटावत, गणेश सिंह जवतरा, राम सिंह रावत, रूपसिंह जवतरा, नरेश सिंह कानोड़, डाल सिंह भाना खेड़ी व गांव के भी लोग भी उपस्थित थे।लेकिन सवाल यह है कि क्या यह जन सहयोग बच्चियों के गमों के गहरे बादलों को हटा पायेगा, क्या वो रोशनी फिर लोटेगी उनकी जिंदगी में ।प्रशासन को भी इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए बच्चियों को उचित पालन-पोषण के साथ पढ़ाई लिखाई की व्यवस्था करवाकर उनकी जिंदगी में फिर से रंग भरने होंगे ।