किडनी संक्रमण (पायलोनेफ्राइटिस) क्या है?
गुर्दे का संक्रमण तब होता है जब मूत्रमार्ग में मूत्रमार्ग में मूत्रमार्ग में मूत्रत्याग शामिल हो जाता है। इससे आम तौर पर यूरिनरी इंजेक्शन (यूटीआई) की वृद्धि होती है। अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है।
किडनी संक्रमण का पता कैसे लगाएं और क्या करें?
1. किडनी संक्रमण के लक्षण:
तेज़ बुखार और ठंड लगना
कमर या पीठ (खासकर पाससोल के नीचे) में तेज दर्द
बार-बार पेशाब आना और पेशाब में जलन या दर्द होना
मूत्र में बैक्टीरिया, इलेक्ट्रोनम, या खून आना
थकान और कमजोरी महसूस होना
जी मिचलाना और उल्टी आना
भूख न लगना
2. क्या करें?
✅ डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें – किडनी संक्रमण गंभीर हो सकता है, इसलिए देर न करें।
✅ यूरिन टेस्ट और ब्लड टेस्ट ट्रीटमेंट – संक्रमण की पुष्टि के लिए।
✅ पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं – यह व्यापारी को बाहर निकालने में मदद करता है।
✅ आराम करें और अधिक मेहनत वाले काम न करें।
✅ डॉक्टर द्वारा बताई गई एंटीबायोटिक्स लें – बिना सलाह के दवा न लें।
3. क्या न करें?
❌ खुद से दर्द निवारक दवा ज्यादा न लें – कुछ दवाओं से किडनी को नुकसान हो सकता है।
❌ लेजर, तली-भुनी वस्तुएं और जंक फूड न तो स्थिर हैं – इससे असावधानी बढ़ सकती है।
❌ पानी कम न पिएं – मधुमेह से संक्रमण और वृद्धि हो सकती है।
❌ शराब और कैफीन (चाय/कॉफी) से छूट – यह दवा पर दबाव डाला जा सकता है।
महत्वपूर्ण बातें:
यदि लक्षण 24-48 घंटे में ठीक नहीं है या तेज है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। देरी से खून संक्रमण हो सकता है, जिससे गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।