उदयपुर.राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय में उमडा पक्षकारों का सैलाब । उदयपुर मुख्यालय एवं तालुकाओ के अधिवक्तागण ने प्रकरणों के निस्तारण में किया भरपुर सहयोग
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर के तत्वावधान में श्रीमान अध्यक्ष
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर के निर्देशन में 11.02.2023 को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया । श्री कुलदीप शर्मा एडीजे एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उदयपुर ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु उदयपुर मुख्यालय एवं तहसीलों पर
स्थित न्यायालयों पर बेंचों का गठन किया गया । राजस्व न्यायालयों में भी बैंचों का गठन किया
गया। राष्ट्रीय लोक अदालत में निम्न प्रकार के प्रकरण रखे गए :-
प्री-लिटिगेशन प्रकरण जो राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे गए :-
धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम धन वसूली, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवाद, बिजली, पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित (अशमनीय के अलावा प्रकरण), भरण-पोषण से संबंधित प्रकरण, राजस्व विवाद, पैमाइश एवं डिवीजन ऑफ होल्डिंग सहित सिविल विवाद, सर्विस मैटर्स, उपभोक्ता विवाद, अन्य राजीनामा योग्य विवाद (जो अन्य अधिकरणों / आयोगों / मंचो / आथॉरिटी / प्राधिकारियों के क्षेत्राधिकार से संबंधित )
न्यायालय में लंबित प्रकरण जो राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे गए :- राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम (एन. आई. एक्ट ) धन वसूली, एम.ए.सी.टी. के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवाद एवं कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम के प्रकरण बिजली, पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण ( अशमनीय के अलावा) पारिवारिक विवाद (तलाक को छोड़कर) भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण सभी प्रकार के सर्विस मैटर्स ( पदोन्नति एवं वरिष्ठता विवाद के मामलों के अलावा) सभी प्रकार के राजस्व मामले, पैमाइश एवं डिवजीन ऑफ होल्डिंग सहित, वाणिज्यिक विवाद, बैंक के विवाद, गैर सरकारी शिक्षण संस्थान के विवाद, सहकारिता संबंधी विवाद, स्थानीय निकाय (विकास प्राधिकरण / नगर निगम, आदि) के विवाद रियल स्टेट सम्बंधी विवाद, रेलवे क्लेम्स संबधी विवाद, आयकर संबंधी विवाद, अन्य कर संबंधी विवाद, उपभोक्ता एवं विक्रेता / सेवा प्रदाता के मव्य के विवाद, सिविल मामले ( किरायेदारी, बंटवारा, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा घोषणा, क्षतिपूर्ति एवं विनिर्दिष्ट पालना के दावे), अन् राजीनामा योग्य ऐसे मामले जो अन्य अधिकरणों / आयोगों मचो / आथॉरिटी / प्राधिकारियों के समक्ष लंबित प्रकरण ।
अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, बी.एस.एन.एल. एस.के. फाइनेन्स, हिरो फिन कोर्प आई.डी. एफ.सी. बैंक, धानी लोन एण्ड सर्विसेस, टी.वी.एस. क्रेडिट सर्विसेस, बैंक ऑफ इण्डिया, पंजाब नेशनल बैंक, एच.डी.एफ.सी. बैंक, एड.डी.बी. फाइनेन्सियल, युनियन बैंक ऑफ इंण्डिया, एस.बी. आई.. उदयपुर जिला सहकारी भूमि विकास बैंक, इण्डियन बैंक, सेन्टल बैंक ऑफ इण्डिया के प्रकरण प्रि-लिटिगेशन में रखे गए
अजमेर विदयुत वितरण निगम लिमिटेड के अधिशासी अभियंता राजस्य आई. एम. मन्सूरी एवं जिला मुख्यालय अजमेर डिस्काम के समस्त सहायक अभियंता एवं सहायक राजस्व अधिकारी देवारी, गिर्वा मादडी अशोक नगर सेक्टर नं.4, सवीना पावर हाउस प्रथम एवं पावर हाउस द्वितीय, अंबामाता एवं मधुवन उपस्थित रहे प्रकरणो का प्रि-लिटिगेशन में निस्तारण किया गया । कुल 2 करोड़ की नगद राशि बिजली उपभोक्ताओं ने जमा कराई एवं 1 करोड 36 लाख रूपये की राशि किश्तो में जमा करवाने का सहमत हुए। उपभोक्ताओं को 1 करोड 34 लाख की राहत भी दी गई ।
उदयपुर जिले के राजस्व न्यायालयों में भी बैंचों का गठन किया गया । राष्ट्रीय लोक अदालत में राजस्व प्रकरणों को राष्ट्रीय लोक अदालत में रखवाया जाकर निस्तारण करवाया गया। जिला प्रशासन के भरपुर सहयोग से कई राजस्व प्रकरणों को हुआ निस्तारण । बार एसोसिएशन उदयपुर अध्यक्ष मनीष मोगरा, श्रीमान कपील टोडावत राजकीय अभिभाषक उदयपुर मुख्यालय के समस्त अधिवक्तागण एवं अन्य तालुकाओं के समस्त अधिकारीगण का भरपुर सहयोग रहा। श्रीमान ताराचंद मीणा जिला कलेक्टर ने समस्त तहसीलों के प्रशासनिक अधिकारीगण को पूर्व में निर्देश प्रदान किये थे कि समस्त तहसीलों पर लंबित राजीनामा योग्य राजस्व प्रकरणों को राष्ट्रीय लोक अदालत में रखते हुए निस्तारण किया जाकर प्रकरणों का निस्तारण किया जाए ।
श्रीमान कुलदीप शर्मा एडीजे एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, ने यह भी बताया कि दिनांक 11.02.2023 को अयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत मैं कुल प्रकरणों का निस्तारण किया गया जिसमें लगभग 42 करोड़ से अधिक राशि के अ किये गए। राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रकरण का निस्तारण होने पर प्रकरण का हमेशा 2/2 निस्तारण हो जाता है । निस्तारित प्रकरण की अपील नहीं होती है । राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रकरण का निस्तारण होने पर पक्षकारों द्वारा दी गई कोर्ट फीस पुन लोटा दी जाती हैं राष्ट्रीय लोक अदालत में प्रकरण का निस्तारण होने से पक्षकारों में आपसी भाईचारे एवं सोहार्द की भावना बनी रहती हैं ।