मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजनान्तर्गत पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन 12 जनवरी तक
राज्य सरकार दे रहीपालकों को संबल,निःभरण के लिए किसानों का बीमा कराया जाएगा
सलूम्बर, 25 दिसम्बर। प्रदेश में समस्त जनाधार कार्ड धारक पशुपालकों के मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजनान्तर्गत पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने प्रदेश के पशुपालकों के हितों पर ध्यान देते हुए कहा कि पशुपालकों को वित्तीय सुरक्षा एवं आर्थिक नीति प्रदान करने के लिए उनके मूल्यवान पशुपालकों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार द्वारा बजट की घोषणा की गई है । बीमा योजना के तहत पांच-पांच लाख दुधारू गाय, भैंस, भेड़, बकरी और एक लाख ऊँट सहित कुल 21 लाख लाख का बीमा मुफ़्त प्रदान किया जा रहा है। इस योजना में 400 करोड़ चने का खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।
बफ़ेलो विभाग के डॉ. हरिकेश मीना ने बताया कि घोषित बजट वर्ष 2024-25 के अनुसार मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजनान्तर्गत दुधारू गाय, बफ़ेलो, भेड़, बकरी और ऊँट का बीमा मुफ़्त किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के अंतर्गत आपके पशुधन का बीमा लेने वाले इच्छा जनाधार कार्ड धारक पशुपालक 13 दिसंबर से 12 जनवरी, 2025 तक अपना ऑनलाइन पंजीकरण मोबाइल ऐप MMPBY https://mmpby.rajasthan.gov.in/ पोर्टल पर आप स्वयं या ई ई -मित्र के माध्यम से कर सकते हैं। पशुधन बीमा के लिए निर्धारित संख्या से अधिक पशुपालकों का पंजीकरण होने की स्थिति में नियुक्ति तिथि तक ऑनलाइन पंजीकृत पशुपालकों की लॉटरी के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। योजना के अंतर्गत लॉटरी में अंकित पात्र एवं उपयुक्त पशुपालकों को पशुधन का बीमा ही दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि के अंतिम पोर्टल पर स्वतः ही बंद हो जाएगा। किसी प्रकार की व्यवस्था के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए पंजीकरण की व्यवस्था नहीं है। उन्होंने जिले के सभी पशुपालकों से अपील करते हुए कहा कि आज से ही अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन http://mmpby.rajasthan.gov.in/ पोर्टल पर खरीदें। योजना की विस्तृत जानकारी पशुपालन विभाग की वेबसाइट www.animalhusbandry.rajasthan.gov.in पर भी उपलब्ध है।
*मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना का उद्देश्यः-*
– प्रदेश के पशुपालकों के मूल्य पशुधन का मुफ्त बीमा कर पशुपालकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना।
– प्रथमतः 5-5 लाख दुधारू गाय/भैंस, 5-5 लाख भेड़ बकरी तथा 1 लाख उष्ट्र वंशीय पशु (ऊंट) का बीमा कर बीमा प्रदान किया जाता है।
– पशुपालक की मृत्यु हो जाने पर पशुपालक को बीमा धन राशि का पुनर्भरण होने पर पशुपालक को वित्तीय लाभ से लेकर आर्थिक संबल तक उपलब्ध होना चाहिए।
*पात्रता एवं शर्त-*
कोटेदार विभाग के डॉ. हरिकेश मीना ने बताया कि राजस्थान राज्य के सभी जनाधार कार्ड धारक पशुपालक पात्र हो जाएंगे और बीमा विभाग से इन पशुपालकों के लिए योजना लाभ आवेदन किया जाएगा और लॉटरी द्वारा पशुपालक का मुफ्त बीमा किया जाएगा। योजनान्तर्गत राज्य के समस्त गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक पशुपालक, समस्त लक्षपति पशुपालकों को प्रथम श्रेणी से स्थानांतरित किया जाएगा। योजनान्तर्गत पशुपालक बीमा केवल टैग पशु का ही करवा पंजीकरण। जिन पशुपालको के साहिल की टांगिग नहीं है, वे अपने सामी के तांग स्थापितये जाने के ऊपरान्त ही पंजीकरण करवा सके गे। राज्य के गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक पशुपालक, समस्त लक्षपति पशुपालक तथा लॉटरी द्वारा अंकित जनआधार कार्ड धारक पशुपालक के अधिकांश 02 दूधारू गाय/02 दूधारू भैंस/01 दूधारू गाय एवं 01 दूधारू भैंस/10 बकरी/10 भेड़/01 पशुपालक पशुधन मुफ्त बीमा कराया जायेगा. इस योजना में पशुधन पशुधन का बीमा नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री पशु मंगला पशु बीमा योजना के तहत बकरी और भेड़िये जैसे देशी/संकर दूध देने वाले पशु यथा-गाय एवं बफ़ेलो, भारवाहक पशु-ऊंट/ऊंटनी एवं अन्य छोटे रोमन पशुधन का एक वर्ष के लिए निःशुल्क बीमा प्रस्तावित है।
रावे ने बताया कि भेड़ और बकरी की एक कैटल यूनिट में 10 पशु और दुधारू गाय/भैंस एवं ऊंट के संदर्भ में एक कैटल यूनिट में 01 पशु माने जाएंगे। यदि किसी पशुपालक के पास 10 से कम कम भेड़ बकरी है तो ऐसी स्थिति में एक बिल्ली इकाई में पशु की संख्या की पात्रता कम से कम 10 से कम पशुपालक के पास उपलब्ध भेड़ बकरी का बीमा कराया जाता है। पशु की कीमत का आकलन पशु के स्वास्थ्य, दुग्ध उत्पादन क्षमता, आयु, नस्ल एवं नस्ल आदि के आधार पर प्रचलित बाजार मूल्य के अनुसार पशु चिकित्सक, पशुपालक एवं बीमा प्रतिनिधि द्वारा सहमति से पशु चिकित्सक, पशुपालक एवं बीमा के लिए 1 पशु इकाई की अधिकतम कीमत 40 हजार जानवर ही होंगे।
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पुष्पक मीणा, जिला जनसम्पर्क अधिकारी, सलूम्बर