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Sanjay Khokhawat

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भील समुदाय की डॉ. सुनीता घोगरा बनी राजस्थान साहित्य अकादमी की उपाध्यक्ष

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अकादमी इतिहास में पहली बार महिला ही नहीं आदिवासी को मिला यह पद

सरस्वती सभा की प्रथम बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

उदयपुर 7 जनवरी। राजस्थान सरकार द्वारा नियुक्त राजस्थान साहित्य अकादमी अध्यक्ष डाॅ दुलाराम सहारण द्वारा पदभार संभालने के बाद से ही कई अभिनव निर्णय लिए जा रहे हैं। अध्यक्ष डाॅ सहारण के निर्देशन में हाल ही में गठित 19वीं सरस्वती सभा की प्रथम बैठक शुक्रवार एवं शनिवार को उदयपुर अकादमी मुख्यालय में आयोजित हुई।

बैठक में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए आदिवासी वर्ग के भील समुदाय की डाॅ सुनीता घोगरा को उपाध्यक्ष के पद पर चुना गया। अकादमी अध्यक्ष ने बताया कि पहली बार किसी महिला एवं जनजाति समुदाय की महिला को अकादमी का उपाध्यक्ष चुना गया है। अकादमी के इस कदम की साहित्य प्रेमियों ने प्रशंसा की है। लेखिका डॉ घोगरा डूंगरपुर जिले में राजकीय शिक्षिका के तौर पर सेवाएं दे रही हैं।

उपाध्यक्ष डॉ घोगरा ने कहा है कि वे अपना अधिकतम योगदान देते हुए अकादमी की अपेक्षाओं पर खरा उतरेंगी। अपनी पुस्तक ‘मताई’ के लिए चर्चित रही डॉ घोगरा ने कहा कि उन्हें शुरू से ही साहित्य से गहरा लगा रहा लेकिन कभी सोचा नहीं था कि अकादमी उपाध्यक्ष के पद पर सेवाएं देने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि वे इस पद पर आकर गौरवान्वित महसूस कर रही हैं। इसी प्रकार से चूरू जिले के कमल कुमार शर्मा को कोषाध्यक्ष पद पर चुना गया। दोनों ही पदाधिकारियों का अकादमी की सरस्वती सभा के सदस्यों ने स्वागत किया और शुभकामनाएं दी।

सरस्वती सभा की बैठक में लिए गए कई निर्णय

सरस्वती सभा की प्रथम बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए। इसमें अकादमी के बंद पड़े पुरस्कारों को पुनः शुरू करने, पुरस्कार राशि में वृद्धि, कार्यक्रमों की राशि में वृद्धि, अकादमी अतिथि गृह निर्माण, साहित्यकार परिचय कोश, पांडुलिपि प्रकाशन योजना, मधुमती के आवरण परिवर्तन, प्रारंभ से अब तक मधुमती के समस्त अंकों का डिजिटलाईजेशन, अकादमी पुस्तकों की ऑनलाइन बिक्री, एक अप्रैल से 25 प्रतिशत छूट पर अकादमी पुस्तकों के विक्रय, दृश-श्रव्य रिकॉर्डिंग कक्ष सहित विभिन्न विषयों को लेकर सरस्वती सभा ने चर्चा करते हुए निर्णय लिए। इसी कड़ी में संचालन समिति का गठन किया गया जिसमें सरस्वती सभा से टी सी डामोर उदयपुर, किशन दाधीच उदयपुर, महेंद्र नेह कोटा, डॉ मनीषा डागा जोधपुर, उम्मेद गोठवाल चूरू, प्रवेश परदेशी प्रतापगढ़ को सम्मिलित किया गया। संचालिका की बैठक में भी अकादमी की विभिन्न योजनाओं पर विचार-विमर्श हुआ। साथ ही विभिन्न कार्यों और दायित्वों के लिए समितियों, उपसमितियों का गठन कर संयोजक और सदस्य नियुक्त किए गए।

अकादमी इस वर्ष करेगी कई नवाचार –डॉ सहारण

अकादमी अध्यक्ष डॉ दुलाराम सहारण ने बताया कि अकादमी इस वर्ष कई नवाचार करेगी। अकादमी आने वाले महीनों में उदयपुर में राज्य स्तरीय युवा लेखक सम्मेलन का आयोजन करेगी। साथ ही 365 दिन 365 कार्यक्रम के ध्येय के तहत इस वर्ष अधिकाधिक कार्यक्रमों, गोष्ठियां, सम्मेलनों आदि का आयोजन किया जाएगा। अकादमी अध्यक्ष ने बताया कि अकादमी सिर्फ बड़े शहरों ही नहीं बल्कि अब गांवों तक भी कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है। इसके अलावा अंतर प्रांतीय बंधुत्व यात्रा को पुनः शुरू किया जाएगा जिसके तहत अकादमी विभिन्न राज्यों में जाकर कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसी प्रकार से बैठक में अकादमी के विभिन्न निर्णयों पर चर्चा कर अनुमोदन किया गया।

बैठक में ये रहे उपस्थित

सरस्वती सभा की बैठक में अध्यक्ष डॉ दुलाराम सहारण, उपाध्यक्ष डॉ सुनीता घोगरा, सचिव डॉ बसंत सिंह सोलंकी, कोषाध्यक्ष कमल कुमार शर्मा, सदस्य किशन दाधीच, रामानंद राठी, नरेंद्र निर्मल, डॉ मंजु चतुर्वेदी, डॉ हेमेन्द्र चंडालिया, टी सी डामोर, डॉ मदन सैनी, महेंद्र नेह, रामानंद राठी, डॉ संदेश त्यागी, तसनीम खान, राजूराम बिजारणिया, उम्मेद सिंह गोठवाल, डॉ कालूराम परिहार, डॉ मनीषा डागा, प्रवेश परदेशी प्रतापगढ़, तथा सरिता भारत उपस्थित रहे।

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