उदयपुर. एक तरफ जहां राजस्थान की गहलोत सरकार ने राजस्थान के निवासियों को निशुल्क दवा योजना का एक बेहतरीन तोहफा दिया है वही कुछ सरकारी डॉक्टर इसे आगे बढाना तो दूर अपने अस्पताल मे आने वाले मरीजो की सुनते तक नही है..
सरकारी डॉक्टर जो की जनता के स्वास्थ के लिए नियुक्त किये गए है वे ही मरीजो को यह कहना शुरू करदे की “माथा मत खाओ ” आप ही सोचिये जो मरीज पहले से बीमार है भला वह डॉक्टर का माथा कैसे खा सकता है….
जी हा यह सारा माजरा बुधवार का है जब लेकसिटी न्यूज़ के संपादक संजय खोखावत सर्दी झुकाम होने पर हिरण मगरी स्थित सेटेलाइट अस्पताल डॉक्टर को दिखाने गए तब लेकसिटी न्यूज़ के संजय खोखावत द्वारा कफ व सर्दी झुकाम की शिकायत की बात करने पर महिला डॉ अग्रवाल जो ड्यूटी पर मौजूद थी उन्होंने कहा ज्यादा मेरा माथा मत खाओ , क्या सरकार इन जैसे डॉक्टर को इसलिए लाखों रुपये की सैलरी दे रही है जो मरीजो को देखने से पहले ही बोल दे “माथा मत खाओ” जबकि इन्ही डॉक्टर के यहाँ जब घर दिखाने जाते है तो इन्हे शायद सर दर्द नही होता लेकिन सरकारी अस्पताल मे बैठ मरीजो पर रोब झाड़ना कहा तक उचित है.. यह वाक्या एक पत्रकार के साथ घटित हुआ तो सोचो दिन भर मे ऐसे कितने ग्रामीण जन यहाँ आते होंगे और इनकी “माथा मत खाओ ” वाली बात को लेकर सीधे गहलोत सरकार को कोसते होंगे की उनके राज मे ऐसे डॉक्टर बैठे है जो न जाने किस बात की तनख्वाह उठा रहे है.. और आमजन अपने आप को यहाँ आकर ठगा हुआ महसूस करता होगा.