थाना फतहनगरः- दिनांक 18.08.2022 को प्रार्थी श्री गोपाल पिता बंशीलाल निवासी सनवाड, फतहनगर ने रिपोर्ट पेश की कि मेरी सनवाड बाजार में जेवरात की दुकान है। उसमे जो जेवरात रखता हूँ वो मै हमेशा रात्रि में मेरे मकान पर ले जाता हूँ। मेरे पास ही मेरे भाईसाहब रामकरण जी पिता नारायण लाल की भी दुकान है वो भी अपनी दुकान के जेवरात हमेशा मेरे मकान पर रखते है हमेशा की भांति दिनांक 17.08.2022 को शाम 6. 30 बजे दुकान बन्द करके मेरी दुकान व मेरे भाई की दुकान में रखे सभी जेवरात को मेरे मकान पर कमरे में रखकर कमरे के ताला लगा दिया था मैं व मेरे परिवार के सदस्य सभी उपर की मंजिल पर सोये हुए थे। आज दिनांक 18.08.2022 को सुबह पडौसी ने हमे बताया कि तुम्हारे कमरे की खिड़की टुटी हुई है व पेटीये बाहर पड़ी हुई है जिसपर मैने व मेरे परिवार सदस्यों ने देखा तो मेरे मकान का ताला टूटा हुआ था व जिस कमरे में मैने जैवरात रखे उस कमरे का भी ताला हुआ हुआ हो जेवरात की खाली पेटीया सभी बाहर पड़ी थी। मेरी दुकान व भाई साहब रामकरण जी दुकान के सभी सोने चांदी के जेवरात गायब थे। मेरे मकान की खिड़की व किवाड़ को तोडकर कोई अज्ञात चोर मेरे मकान में घुसकर पेटियों में रखे सभी जेवरात चोरी कर ले गये। चोरी हुये जैवरात की कीमत करीब 50 लाख रूपये थी। मेरे मकान के पास ही रामेश्वर लाल पिता श्री किशन जी सुथार के मकान में भी उसी दिन चोरी हुई थी। वगैरा रिपोर्ट पर प्रकरण संख्या 150 / 22 धारा 457,380 भादस में दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया गया।
घटना की गंभीरता को देखते हुये जिला पुलिस अधीक्षक, उदयपुर श्री विकास शर्मा द्वारा घटना का पर्दाफास कर घटना में शामिल अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी हेतु दिशा-निर्देश दिये गये थे। जिस पर श्री मुकेश सांखला अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण व श्रीमती कैलाश कंवर पुलिस उप अधीक्षक वृत मावली के सुपरविजन में श्री उदयसिंह चुण्डावत थानाधिकारी, फतहनगर मय टीम द्वारा आसूचना व तकनीकी सहयोग से मामले का खुलासा कर प्रकरण में अभियुक्त राहुल पिता पन्नालाल निवासी कंजर बस्ती, दुधीतलाई, बिजयपुर जिला चितौडगढ को बाद पुछताछ गिरफ्तार कर करीब 07 लाख रूपये के जेवरात बरामद किये गये प्रकरण में शेष जेवरात के बरामदगी के प्रयास जारी हो अग्रिम अनुसंधान जारी है।
टीम सदस्य:-
01. श्री उदयसिंह थानाधिकारी, फतहनगर।02. श्री जयसिंह कानि. 1746 |03. श्री अनिल कुमार कानि. 30404. श्री रूपलाल कानि. 440
05. श्री कैलाशचन्द्र कानि. चालक 921