उदयपुर, 28 दिसंबर। उदयपुर के बलीचा स्थित भारतीय प्रबन्धन संस्थान बलीचा में पैंथर शावक मिलने की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और दो दिन तक लगातार प्रयास करते हुए इस बिछडे शावक को उसकी मां से मिलवाकर वन्यजीव प्रेम की एक मिसाल पेश की।
आईआईएम के कर्मचारी ने क्षेत्रीय वन अधिकारी (पश्चिम) विजेन्द्र सिंह सिसोदिया को दूरभाष पर सूचना दी कि एक पैंथर का बच्चा संस्थान की पहली मंजिल पर बैठा हुआ है। सूचना पर सिसोदिया ने वनरक्षक कमलाशंकर मीणा व पशु रक्षक मेहताब सिंह के साथ मौका स्थल पर पहुंचकर शावक को अपने कब्जे में लिया। उन्होंने स्टाफ के साथ आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण किया। भारतीय प्रबंधन संस्थान के चारों ओर घना जंगल (बीड) है। इससे लगभग 1 किमी दूर वनखण्ड समर का वन क्षेत्र है। स्टाफ ने घूम फिरकर जंगल व आस पास के क्षेत्र की गश्त की परन्तु उन्हें उसकी मदर का मूवमेंट नहीं मिला। सुरक्षा के दृष्टिगत पैंथर शावक को सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क लेकर आ गये। वहां विशेषज्ञ पशु चिकित्सक की निगरानी में उसे रखा गया। शाम को क्षेत्रीय वन अधिकारी मय स्टाफ के शावक को लेकर आईआईएम के पास जंगल में पहुंचकर रात भर निगरानी रखी ताकि पैंथर की मां का पता चल सके मगर कोई मूवमेंट नहीं दिखने पर शावक को पुनः सुबह लाकर सज्जनगढ़ विशेषज्ञ पशु चिकित्सक की देखरेख में रखा गया। मंगलवार शाम सिसोदिया विभाग के कार्मिक रवीन्द्र सिंह, सज्जन सिंह, कमलाशंकर मीणा मेहताब सिंह व रणजीत आर्य वाहन चालक के साथ शावक को लेकर पुनः उसी स्थल पर पहुंचे तथा निगरानी रखी। पैंथर की मदर का लगभग 7.30 व 8.30 बजे मूवमेंट हुआ। रात्रि लगभग 10 बजे पैंथर की मां मौके पर आयी तथा पैंथर के बच्चे को उठाकर जंगल में ले गयी।
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फोटो केप्शन: फोरेस्ट। भारतीय प्रबन्धन संस्थान बलीचा में मिला पैंथर शावक। पैंथर शावक को उसकी मां से मिलाने वाली वन विभाग की टीम।
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