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Sanjay Khokhawat

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17 दिवसीय खादी एवं ग्रामोद्योग प्रदर्शनी प्रारम्भ खादी को आगे बढ़ानें के लिये उसमें नवाचार की आवश्यकता

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उदयपुर। राजस्थान खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड जयपुर एवं जिला उद्योग व वाणिज्य केन्द्र उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में टाउनहॉल मंे 17 दिसबंर से 2 जनवरी तक चलने वाली 17 दिवसीय संभाग स्तरीय खादी ग्रामोद्योग प्रदर्शनी 2022 आज से टाउनहॉल प्रांगण में प्रारम्भ हुई। प्रदर्शनी का उद्घाटन संभागीय आयुक्त राजेन्द्र कुमार भट्ट, राजस्थान अनुसूचित जनजाति परामर्शदात्री के सदस्य लक्ष्मीनारायण पण्ड्या एवं महात्मा गांधी दर्शन समिति के संयोजक पंकज शर्मा ने मॉली खोलकर किया।
इस अवसर पर उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए संभागीय राजेन्द्र भट्ट ने कहा कि खादी ने आजादी के आन्दोलन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी था और उस समय से खादी एक विचार के रूप में आज भी चल रही है। जिसमें अब नवाचारों की आवश्यकता है। खादी इकाईयों को अपने उत्पादों को आमजन तक पंहुचानें के लिये उसकी मार्केर्टिंग करना बहुत जरूरी है।
राजस्थान अनुसूचित जनजाति परामर्शदात्री के सदस्य लक्ष्मीनारायण पण्ड्या ने कहा कि बदलते परिवेश में खादी में नवाचारों की आवश्यकता महसूस की जानें लगी है। कुछ संस्थाओं ने नवाचारों को अपनाया है लेकिन वृह्द रूप से इसे अपनाने और इसमें तकनीकी सहयोग व सुधार की भी जरूरत है। खादी संस्थाओं को आ रही समस्याओं का समाधान निकालने के लिये संस्थाओं को आगे आना होगा।
महात्मा गांधी दर्शन समिति के संयोजक पंकज शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजनीति से उपर उठकर खादी संस्थाओं को सहयोग किया है।
प्रारम्भ में प्रदर्शनी संयोजक एवं खादी ग्रामोद्योग के संभाग अधिकारी गुलाबसिंह गरासिया ने बताया कि इस बार प्रदर्शनी में देश के विभिन्न कोनों से आयी खादी एवं ग्रामोद्योग इकाईयेां की कुल 105 स्टॉलें लगी है। खादी प्रदर्शनी का आयोजन
खादी संस्थाओं द्वारा उत्पादित माल को बाजार एवं ग्रामोद्योग इकाईयों को स्थापित करने हेतु बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने का एक माध्यम है।
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनी में कोटिंग एवं शर्टिग, दरी फर्श, खेश, जाजम, रेजा सलवार सूट, टेबल कवर, नेपकिन, रूमाल, धोती-जोड़ा, दक्षिण भारत की सूती साड़ीयां, पानीपत एवं टोंक की , रजाई कवर, गद्दे , आसन पर्दाे क्लोथ, रेडिमेड खादी वस्त्र,दरी एवं दरी फर्श, दरी पट्टी, गलिचा, गलिचा सेट, सूती जाकेट, आदि आकर्षक उत्पाद,जैसलमेर , बीकानेर, बाड़मेर, आमेट, देवगढ़ के कम्बल, उदयपुर संभाग के
उत्पादित मेरीनों, मिक्स मेरीनों, देशी कम्बल, जेन्ट्स शॉल, लेडिज शॉल, कार्डिगन, वूलन होजरी शॉलें (कशीदा, चुन्दड़ी, प्रिंट टाई डाई बंधेज, लडिज एवं जेन्ट्स शॉल, लोई ) जाकेट ऊनी कोट , बरडी एवं पट जैसलमेर जरकीन, नमदा स्वेटर, जर्सी, मफलर, टोपे हाथ एवं पांव के जुराब आदि के उनी उत्पाद, सिल्क (रील्ड सिल्क, टसर पेपर सिल्क , सिल्क मूंगा बाफता ) सिल्क साड़ियां प्रिन्ट एवं जरी बोर्डर, रेशमी बोर्डर, प्लेन सिल्क, पोली वस्त्र तथा टेरीवूल आदि,स्टील फर्निचर, (अलमारी, पेटी, पलंग पेटी, ड्रम कोठी ) दक्षिण भारत के जूट के पायदान, (डोर मेट्र) महिला मण्डल के उत्पाद, अचार, मसाले, पापड़, नमकीन साबून, शेम्पू, अगरबत्ती, मोमबत्ती, शुद्ध शहद, लकड़ी के खिलौने, आयुर्वेदिक उत्पाद, प्लास्टिक उत्पाद, मेटल, बांस के आकर्षक उत्पाद, मोलेला की मिट्टी के खिलौने, बांसवाड़ा के तीर कमान मूर्तियां , वाईट मेटल रोड आयरन के उत्पाद, घरेलू उपयोग के उत्पाद, चर्म उत्पाद, फट वियर, लेदर फोम, रेगजीन बेग, लाख चुड़ी, हस्त शिल्प उत्पाद, सर्दी के स्वास्थ्य वर्धक खुराक जगल तिल्ली का शुद्ध तेल, आदि ग्रामोद्योग उत्पादकों के द्वारा प्रदर्शन एवं विपणन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि उदयपुर में 1984 से खादी प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। अंत में आभार भी गुलाबसिंह गरासिया ने ज्ञापित किया। कार्यक्र्रम पश्चात राजेेन्द्र भट्ट,लक्ष्मीनारासण पण्ड्या व पंकज शर्मा ने प्रदर्शनी का अवलोकन कर खादी संस्थाओं की हौंसला आफजाई की। समारोह में नव निर्माण संघ के कैलाश पालीवाल सहित विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद थे।

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