- कुलदीप शर्मा एडीजे ने किया औचक निरीक्षण मिली घोर लापरवाही वृद्धों से धुलवाते है शौचालय वृद्धों की कोई मेडिकल फाइल नहीं
उदयपुर.सदस्य सचिव राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर के निर्देशों के क्रम सामाजिक न्याय एवम् अधिकारिता विभाग के अधीन झाड़ोल तहसील के मगवास गांव में संचालित पूजा वृद्धाश्रम का औचक निरीक्षण किया गया।
कुलदीप शर्मा एडीजे एवम् सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उदयपुर ने बताया की वृद्धाश्रम के नियमानुसार संचालित नही हों रहा है । निरीक्षण के समय निम्न अनियमिताएं सामने आई है :_
1. चौकीदार की कोई व्यवस्था नहीं पाई गई। आधा घण्टा निरीक्षण के बाद एक व्यक्ति उपस्थित हुआ जिसने बताया की वह चौकीदार है । उसका नाम वृद्धजन के उपस्थिति रजिस्टर में लिखा पाया।
2. वृद्धजन के नहाने हेतु नियमानुसार वृद्धाश्रम गीजर होना जरूरी है । लेकिन वृद्धजन ने बताया की इसकी कोई व्यवस्था नहीं। 5 दिन में एक बार नहाते है वह भी ठंडे पानी से ।
3. एक वृद्ध की 20 दिन पूर्व मृत्यु हो चुकी है लेकिन उपस्थिति रजिस्टर में उसे जीवित बताकर उपस्थिति दर्शा रखी थी।
4. पूजा वृद्धाश्रम के निरीक्षण के समय कोई उपस्थित नही था। आधे घंटे तक निरीक्षण के पश्चात व्यस्थापक उपस्थित हुआ ।
5.निरीक्षण के समय पाया गया कि एक 70 वर्षीय वृद्धा के शरीर पर चोट के निशान थे। उसने बताया की 15 दिन पहले गिरने से चोट आई है लेकिन कोई हॉस्पिटल नही ले गया।
6.निरीक्षण के समय पाया कि वृद्धजन के उपस्थिति रजिस्टर में 39 वृद्धजन के नाम लिखे हुए है एवम उनकी उपस्थिति दर्शा रखी है लेकिन निरीक्षण के समय केवल मात्र 8 वृद्धजन मिले जिनमे से 3 व्यक्ति वृद्ध नही थे उनकी उम्र 40 से 50 वर्ष थी।
7. एक 50 वर्षीय व्यक्ति जो वृद्धाश्रम में मिला उसने सुबह ही चाय की जगह शराब पी रखी थी।
8. वृद्धाश्रम के व्यसथापक ने बताया की वह 15 दिन से वृद्धाश्रम में नही आया, 15 दिन पहले वृद्धाश्रम में 39 वृद्धजन थे लेकिन कहा चले गए इसकी कोई जानकारी नहीं है ।
9. वृद्धाश्रम केवल मात्र कागजों में संचालित होना पाया गया। राज्य सरकार के अनुदान का दुरुपयोग पाया गया है ।
10 वर्ष 2021 में औचक निरीक्षण के समय इसी तरह के हालात थे । इसके लिए उप निदेशक सामाजिक न्याय एवम् अधिकारिता विभाग उदयपुर एवम् जिला कलेक्टर को पत्र प्रेषित किया जाकर अनुदान रोकने हेतु लिखा गया था।
11. अनियमिताओं की रिपोर्ट जयपुर भेजी जाकर पूजा संस्थान द्वारा संचालित वृद्धाश्रम को बंद करने की कार्यवाही की जाकर सरकारी अनुदान का दुरुपयोग रोका जाएगा।