About Author

Sanjay Khokhawat

लेकसिटी न्यूज़, उदयपुर संभाग में पिछले 2013 से निरंतर मीडिया जगत में राज्य देश दुनिया

उदयपुर से सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय बुलेट रेलमार्ग पर विचार का यह सही वक्त

Share This News

उदयपुर सिटीजन सोसायटी का शेरपा अमिताभकांत से आग्रह
उदयपुर, 06 दिसम्बर। उदयपुर सिटीजन सोसायटी का कहना है कि यह सही वक्त है जब उदयपुर से सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय बुलेट रेलमार्ग पर विचार शुरू किया जाए। जी-20 में आए विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों के समक्ष इस परियोजना पर चर्चा हो तो सकारात्मक निर्णय हो सकता है। उदयपुर सिटीजन सोसायटी ने उदयपुर अंचल की ओर से शेरपा प्रतिनिधियों से इस पर विचार करने का आग्रह किया है।
सोसायटी के अध्यक्ष क्षितिज कुम्भट ने बताया कि सोसायटी के श्रद्धेय सदस्य स्वाधीनता सेनानी स्व. हुकमराज मेहता ने वर्ष 2001 में लंदन-कोलकाता-सिंगापुर वाया उदयपुर अंतरराष्ट्रीय रेलमार्ग का विजन प्रस्तुत किया था। आज के परिप्रेक्ष्य में यदि इस सपने में बुलेट ट्रेन की अवधारणा को जोड़ दिया जाए तो वैश्विक स्तर पर भारत न केवल एक कीर्तिमान बनाएगा, बल्कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के अपने आध्यात्मिक संदेश के मार्ग को प्रशस्त कर सकता है।
सोसायटी की ओर से 11 नवम्बर 2001 को आयोजित सांसद सम्मेलन में मेहता ने नवम्बर 2000 में भारत, वियतनाम, म्यांमार, कंबोडिया और लाओस के मंत्रियों की लाओस की राजधानी वियनतियाने में हुई बैठक में ‘मेकांग गंगा को-ऑपरेशन’ घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर का संदर्भ देते हुए बताया था कि इस घोषणा में परिवहन गलियारों को विकसित करने के प्रावधान हैं। इससे एशियाई राजमार्ग परियोजना को कोलालमपुर, होचिमिन्ह सिटी, फोनपेन, बैंकॉक, विएतनिअंस चिंगमाई, यांगून (रंगून) मैंडले, केलेमिया, टैमी, ढाका और कोलकाता के माध्यम से सिंगापुर को नई दिल्ली से जोड़ने की उम्मीद बंधी। इसी के मद्देनजर लंदन – कोलकाता – सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय रेलमार्ग की अवधारणा रखते हुए स्व. मेहता ने कहा था कि भारत के दोनों छोर से पड़ोसी देशों के साथ इस रेलमार्ग का जुड़ना वैश्विक सम्बंधों की नई शुरुआत भी होगी। इसका पूरा प्रस्तुतीकरण तब रेल मंत्रालय व संबंधित देशों के दूतावासों को भी प्रेषित किया गया था।
आज जबकि बुलेट ट्रेन के मार्ग में उदयपुर अंचल का बड़ा हिस्सा शामिल किया जाना प्रस्तावित है, इसे प्राथमिकता में रखते हुए आज के परिप्रेक्ष्य में उदयपुर से सिंगापुर तक अंतरराष्ट्रीय रेलमार्ग कोई बड़ी चुनौती नहीं है। यदि इस मार्ग को बुलेट ट्रेन के लिए तैयार किया जाए तो पर्यटन के साथ अन्य व्यापार में समृद्धि के नए सोपान स्थापित होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

× How can I help you?